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जिला प्रशासन बीकानेर की ओर से निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू को उत्कृष्ट सेवा सम्मान
भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) के निदेशक डा.आर्तबन्धु साहू को जिला प्रशासन बीकानेर की ओर से 26 जनवरी-गणतंत्र दिवस 2024 के उपलक्ष्य पर डॉ.करणी सिंह स्टेडियम में आयोजित मुख्य समारोह के अवसर पर उनकी उत्कृष्ट सेवा हेतु मुख्य अतिथि माननीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्रीमान सुमित गोदारा जी के कर कमलों से प्रदान किया गया ।
डॉ.साहू की ओर से एनआरसीसी को कुशल मार्गदर्शन द्वारा अनुसंधान कार्यां संबंधी जानकारी ऊँट पालकों को प्रचारित करने, केन्द्र के ‘ऊँटां री बातां‘ कार्यक्रम में विशेषज्ञ द्वारा रेडियो आकाशवाणी से वार्ताएं कर जानकारी प्रसारित करने एवं केन्द्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में अहम भूमिका को दृष्टिगत रखते हुए इस उत्कृष्ट सेवा सम्मान से नवाजा गया।
एनआरसीसी को मिला राजभाषा पुरस्कार
भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) को भारत सरकार गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग की ओर से राजभाषा में श्रेष्ठ कार्य-निष्पादन के लिए क्षेत्रीय राजभाषा पुरस्कार से नवाजा गया है। उत्तर क्षेत्र -1 तथा उत्तर क्षेत्र-2 हेतु आई.आई.टी.,जोधपुर में दिनांक 28.12.2023 को आयोजित ‘संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार समारोह’ में श्रीमान कलराज मिश्र, माननीय राज्यपाल, राजस्थान के कर कमलों से केन्द्र को शील्ड एवं श्रीमान अजय कुमार मिश्रा, माननीय केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्रीमती अंशुली आर्या, सचिव महोदया, राजभाषा विभाग आदि गणमान्य मौजूद रहे।
केन्द्र द्वारा इस उपलब्धि पर एक विशेष आयोजित कार्यक्रम में निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू को नोडल अधिकारी (राजभाषा) द्वारा यह शील्ड सौंपी गई। इस राजभाषा पुरस्कार प्राप्ति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डॉ.आर्तबन्धु साहू ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई संप्रेषित करते हुए कहा कि केन्द्र के लिए एक गौरव का विषय है तथा इससे हम सभी को अधिकाधिक राजभाषा हिन्दी में अधिकाधिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारा केन्द्र ‘क’ क्षेत्र में स्थित होने के कारण कार्यालयीन कार्यों में राजभाषा हिन्दी के प्रगामी प्रयोग हेतु प्रतिबद्ध भाव से कार्य कर रहा है। साथ ही केन्द्र, एक विशिष्ट ‘उष्ट्र प्रजाति’ से संबद्ध होने के कारण ऊँटों के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी वैज्ञानिक जानकारी राजभाषा पत्रिका, वार्षिक प्रतिवेदन, लघु पुस्तिकाओं, विस्तार पत्रकों आदि हिन्दी प्रकाशनों एवं हिन्दी भाषा में आयोजित किसान गोष्ठियों, परिचर्चाओं, रेडियो वार्ताओं, हिन्दी कार्यशालाएं, संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से ऊँट पालकों एवं किसानों को उपलब्ध करवाई जाती है ताकि केन्द्र के अनुसंधानों का उन्हें लाभ मिल सकें।
केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी (राजभाषा) डॉ.राजेश कुमार सावल ने कहा कि राजभाषा विभाग द्वारा भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र को ‘क’ क्षेत्र में कार्यालय (50 से अधिक स्टाफ संख्या वाले) की श्रेणी में तृतीय राजभाषा पुरस्कार एवं एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
एनआरसीसी निदेशक डॉ.साहू को अनुसंधान एवं विकास कार्यों हेतु मिला सम्मान
बीकानेर 28.07.2023 । भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) के निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू को इंडिया एनिमल हेल्थ इंडस्ट्री अॅवार्ड 2023 से नवाजा गया है । एग्रीकल्चर टूडे ग्रुप, नई दिल्ली की ओर से यह अॅवार्ड डॉ.साहू को एक्स्ट्राऑर्डनेरी लीडरशिप टैक्नोलॉजीकल एडवांसमेंट्स हेतु प्रदान किया गया है ।
केन्द्र निदेशक डॉ.साहू ने बताया कि एग्रीकल्चर टूडे ग्रुप द्वारा यह अॅवार्ड विविध श्रेणियों में प्रदान किया जाता है तथा प्राप्त अॅवार्ड असाधारण नेतृत्व तकनीकी प्रगति यानी एक्स्ट्राऑर्डनेरी लीडरशिप टैक्नोलॉजीकल एडवांसमेंट्स के तहत आता है। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा उनके गत संस्थान तथा एनआरसीसी में वर्तमान अनुसंधान एवं विकास कार्यों और नेतृत्व के आधार पर यह अॅवार्ड मिलना न केवल व्यक्तिगत अपितु संस्थान के लिए भी गौरव का विषय है क्योंकि इसके माध्यम से केन्द्र के अनुसंधान कार्यों को और अधिक पहचान मिली है। उन्होंने इस हेतु मिले संस्थानिक सहयोग की प्रशंसा करते हुए भविष्य में अनुसंधान आदि कार्यों को लेकर इसी भांति सहयोग की अपेक्षा जताई ।
केन्द्र निदेशक डॉ.साहू को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर एनआरसीसी के वैज्ञानिकों, अधिकारियों, कर्मचारियों आदि द्वारा गर्म जोशी से स्वागत किया गया तथा इस दौरान डॉ.आर.के.सावल, प्रधान वैज्ञानिक ने यह आशा व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ.साहू के नेतृत्व में एनआरसीसी और नूतन ऊँचाइयों को छूएगा ।
भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र बीकानेर को मिली नगर राजभाषा शील्ड
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बीकानेर की वर्ष 2019 की प्रथम बैठक में भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर को प्रथम पुरस्कार के रूप में नगर राजभाषा शील्ड प्रदान की गई। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में कल दिनांक 29.07.2019 को सम्पन्न इस बैठक में श्रीमान संजय कुमार श्रीवास्तव, अध्यक्ष, नराकास एवं मंडल रेल प्रबंधक के कर कमलों से केन्द्र निदेशक डॉ.राजेश कुमार सावल को शील्ड व प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। बैठक में अध्यक्ष महोदय ने वर्ष 2018-19 के दौरान नगर में राजभाषा के सर्वाधिक एवं उत्कृष्ट प्रयोग के लिए (बड़े कार्यालय श्रेणी में ) राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र निदेशक डॉ.सावल को बधाई दी तथा अन्य कार्यालयों/विभागों को भी राजभाषा के अधिकाधिक प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अब कम्प्यूटर आदि उपकरणों के माध्यम से राजभाषा हिन्दी में कार्य करना अत्यंत सुविधाजनक हो गया है। उन्होंने भाषा प्रयोग में सरलीकरण पर जोर देने की बात कही। बैठक में निदेशक डॉ.सावल ने केन्द्र की राजभाषा गतिविधियों एवं कार्यों पर प्रकाश डाला तथा कहा कि केन्द्र को नगर राजभाषा शील्ड मिलना निश्चित रूप से अत्यंत सम्मान का प्रतीक है तथा इससे केन्द्र में राजभाषा प्रयोग हेतु और अधिक उपयुक्त वातावरण के सृजन में सहायता मिलेगी। उन्होंने प्रभारी राजभाषा डॉ.बसंती ज्योत्सना एवं राजभाषा इकाई को बधाई संप्रेषित करते हुए केन्द्र में राजभाषा के प्रगामी प्रयोग के संबंध में उचित मार्गदर्शन हेतु श्री अनिल कुमार शर्मा, बीकानेर नराकास सचिव का भी आभार व्यक्त किया ।
ICAR - National Research Centre on Camel, Bikaner’s Scientist Dr. S.C. Mehta has created a record of organising 102 meetings during 2015-16 with camel herders across camel dominated areas of Rajasthan, which has been recorded in Limca Book of Records 2016. The purpose of the meetings organised was to create awareness among the camel herders towards conservation of camel population as during nearly last 2 decades the population has dwindled much because of its decreased utility. The meetings were part of an extension activity of a Network Project on Animal Genetic Resources: “Characterisation of Mewari and Jalori Camel” supported by funding from ICAR – National Bureau of Animal Genetic Resources, Karnal. NRCC congratulates Dr. Mehta for this achievement.
राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र को मिला राजभाषा सम्मान
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बीकानेर की ओर से भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर को वर्ष 2015-16 के दौरान नगर में राजभाषा का ’विशिष्ट कार्यों’ में उत्कृष्ट प्रयोग करने के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान दिनांक 03.06.2016 को मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में संपन्न नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बीकानेर की प्रथम छमाही बैठक में श्री राजीव सक्सेना, अध्यक्ष नराकास एवं मंडल रेल प्रबंधक, बीकानेर द्वारा डॉ. एन.वी.पाटिल, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र को प्रशस्ति पत्र भेंट कर दिया गया।
ICAR-National Research Centre on Camel, Bikaner awarded with Krishi Samman, Certificate of Recognition for contribution towards field of Animal Husbandry by ZEE Krishi Awards
केंन्द्र के कुशल सहायक कर्मचारी श्री मानक लाल किराडू का सुयश
Sh. Sharad Pawar, Hon'ble Agriculture Minister, Govt. of India, presenting "Ganesh Shankar Krishi Patrika Purushkar" to Dr. N.V.Patil, Director, NRCC (16 July, 2010)
Rafi Ahmed Kidwai Memorial Award
Dr. N.D. Khanna, Dr. A.K. Rai, Dr. S.P. Agarwal and Dr. V.K. Agarwal
ISHEER Award (Indian Society of Health, Environment, Education and Research)
Dr. Gorakh Mal and Dr.M.S.Sahani
International Integration and Growth Society Award
Dr. M.S. Sahani
Nagar Rajbhasha Chal Vaijyanti Shield
NRC on Camel Recieved "Nagar Rajbhasha Chal Vaijyanti Shield" for year 2003-04 and 2005-06 (Official language sheld of Bikaner City)