दो कूबड़ वाले ऊँट
बैक्ट्रियन ऊँट की सीमित संख्या जो लद्दाख (जम्मू एवं कश्मीर) की नूब्रा घाटी में पाई जाती हैं।
विशेषताएं
- इसकी कूबड गोल एवं नरम होती है। सर्द ऋतु के अन्त तक जब चरागाह सीमित हो जाते हैं, कूबड ढल जाती हैं।
- कपाल की हड्डी एक कूबड़ ऊँट की अपेक्षा छोटी एवं चौड़ी होती है।
- ये ऊँट मजबूत एवं छोटे कद के होते हैं।
- इनके शरीर का रंग हल्के या गहरे भूरे रंग का होता है।
- इनके सिर के ऊपरी भाग से गर्दन के नीचले भाग, कूबड़ एवं टांगों पर लम्बे बाल पाए जाते हैं।
- एक वयस्क ऊँट का शारीरिक भार 450 से 550 किलोग्राम तक होता है। इनमें नर ऊँट मादा की अपेक्षा अधिक भारी होते हैं।
अनुसंधान उपलब्धियां
- औसतन बाल उत्पादन प्रति ऊँट 2.5 से 4.0 किलोग्राम होता है जो आयु पर निर्भर करता है।
- बाल अच्छी गुणवत्ता वाले होते है जिनका उपयोग विभिन्न सामान बनाने जैस शॉल, पुलओवर, स्वेटर, सर्दी के कपड़े, कोट एवं टोपियां बनाने हेतु प्रयुक्त किया जाता है।
- धागे की अधिक लम्बाई तथा ऊन तंतुओं की गुणवत्ता इसकी ग्रामीण कुटीर उद्योगों में उपयोगिता को दशाते हैं।
- पीसीआर-आरएपीडी तकनीकी द्वारा उष्ट्र की दो प्रजातियों (कैमेलस ड्रोमेडेरियस एवं बैक्ट्रिएनस) के बीच में अनुवांशिक बहुरूपता पाई गई है।
- एक कुब्बड़ एवं दो कुब्बड़ वाले ऊँट की रक्त जांच व खनिज स्तरों का तुलनात्मक अध्ययन हीमोग्लोबिन, कैल्शियम, फास्फोरस, जस्त, लोहा एवं ताम्बे की उच्च मात्रा प्रदर्शित करता है।
- प्रमुख बीमारियों में एक्टीनोबेसिलोसिस, निमोनिया, कॉरनियल ओपेसीटी, हाइड्रो-पेरीकारडियम एवं असामान्य प्रसव सम्मिलित हैं।
- उष्ट्र हेतु सामान्यतया उपलब्ध आहार/चारा वनस्पति विभिन्न पोषकीय प्राचलों के लिए मूल्यांकित किए गए। छौक पेड़ में आल्फा-आल्फा, चंगमा और बीछू की तुलना में रूक्ष प्रोटीन अंश अधिकतम पाए गए। यद्यपि रूक्ष रेशे की मात्रा आल्फा-आल्फा में लॉगटाल की अपेक्षा अधिक थी।
- दो कूबड़ वाले ऊँट ऋतु प्रजनक है तथा इनकी प्रजनन ऋतु जनवरी-मार्च तक है।
- नर ऊँटों का मद के दौरान जनन व्यवहार में काटना, पोल ग्रन्थियों से स्त्राव एवं मुख से झाग निकालना है।
- दो कूबड़ वाले ऊँट 1 क्विंटल तक भार ले जा सकते है तथा 6-8 घंटे तक प्रतिदिन कार्य कर सकते हैं।