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ऊँट पोषण

  • ग्वार भूसे की पोषकता में सुधार लाने के लिए ऊँटों को कुल मिश्रित राशन का 50% मूंगफली चारा और ग्वार भूसा दिया जाना अधिक लाभदायक पाया गया।
  • यूरिया मिश्रित ग्वार और भूसा खिलाना लाभदायक पाया गया, लेकिन ग्वावर फलगटी के साथ परंपरागत खेजड़ी (प्रोसोपिस सिनेरेरिया) की पूरकता से आहार लागत में वृद्धि हो गई।
  • ऊँट बछड़ों की 4-5 महीने की उम्र में दूध पीने की आदत छुडवाने से यह दूध अन्य प्रयोजन के लिए काम में लाया जा सकता हैं।
  • स्थानीय घास लाना (हेलोजायलिन सेलिकॉमीकम) के बीज रूक्ष प्रोटीन की आपूर्ति बेहतर ढंग से कर सकते हैं। इसकी जगह सान्द्रण मिश्रण में प्रोटीन स्रोत का 25 प्रतिशत देने पर स्वास्थ्य एवं पोषक तत्वों की पचनीयता पर कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया है।
  • उदर के प्रथम भाग में ट्रोकार केनुला द्वारा रूमेन द्रव एकत्रण हेतु सरल तकनीकी विकसित की गई।

  • बीकानेर क्षेत्र में उपलब्ध आहार, चारे के मूल्यांकन के पश्‍चात, क्षेत्र विशिष्ट खनिज मिश्रण (क्षे.वि.ख.मि.) तैयार किया गया तथा इन्हें खिलाने की पद्धतियों पर अध्ययन किया गया। क्षे.वि.ख.मि. के प्रायोगिक स्तार पर खिलाने से ऊँट के दुग्‍धकाल एवं जनन क्षमता में सुधार पाया गया।
  • स्थानीय आहार और चारा संसाधनों का पोषकीय घटकों के लिए मूल्यांकन किया गया।
  • ऊँट बछड़ों की 3 साल की आयु पर परिपक्वता लाने के लिए संपूर्ण आहार देने की नीति तैयार की गई है।
  • ग्या्भिन ऊंटों की अन्तिम तिमाही के दौरान उनकी खुराक में 9.5% रूक्ष प्रोटीन और 50% कुल पाचक तत्व मिश्रित आहार देने से अच्छी. वत्स जनन क्षमता और नवजात बच्चों के जन्म भार में सुधार पाया गया।
  • स्थानीय उपलब्ध आहार चारे के संयोजन से निर्मित सम्पूर्ण आहार ब्लॉक से सर्वोत्‍कृष्‍ट दुग्ध उत्पादन (8-10 लीटर प्रतिदिन) निष्पादकता सुनिश्चित की गई है।
  • प्रजनन योग्य नर ऊँट में मद काल के दौरान उपयुक्त् आहार अन्तकर्ग्रहण एवं इस दौरान उनके शारीरिक भार में आई कमी को दूर करने और बोझा ढोने की क्षमता में सुधार लाने के लिए ग्वार फलगटी (ग्वाबर फली), चना भूसा, मोठ चारा, मूंगफली चारा, गेहूं के भूसे, पेड़/झाड़ी के पत्तों और स्थानीय सान्द्रण आदि खिलाया गया।
  • बढ़ते हुए उष्ट्र बछड़ों को यूरिया सीरा निर्मित खनिज ब्लॉक देने से उनकी शारीरिक वृद्धि दर में सुधार पाया गया और सान्द्राण खिलाने की लागत में भी कमी पाई गई।

अनुसंधान उपलब्धियॉं

  • स्थानीय स्तर पर उपलब्ध आहार एवं चारों के विश्लेषण से ज्ञात हुआ हैं कि प्रोटीन के स्रोत हेतु पेड़ों की पतियों (12-31%), झाड़ियों (11-19%), फलीदार फसल अवशेष (7-11%) एवं घास (7-10%) बेहतर स्रोत हो सकते हैं।
  • चरभूमि की क्षमता. ऊँटों का सेवण घास पाश्‍चर और सिल्‍वी पाश्‍चर में चराई व्यवहार और निष्पादन का अध्ययन किया गया और उष्ट्र उत्पादन निष्पा्दकता, ऊँटों की चरागाह क्षेत्र में जैवभार पैदावार से संबंधित थी

प्रौद्योगिकी विकास और विस्तार गतिविधियॉं

  • बढ़ते हुए ऊँटों, दुधारू एवं गर्भित ऊँटनियों, प्रजनक नर ऊँटों एवं भारवाही ऊँटों को विकसित संपूर्ण आहार ब्लॉक देने पर उनमें खाद्य स्वादिष्टकता और पचनीयता का रूझान देखा गया।
  1. ऊंटों को दिए जाने वाले संपूर्ण आहार ब्लॉक की प्रदर्शनियाँ : संख्या 5
  • संपूर्ण आहार ब्लॉक में लगे अधिकांश उष्ट्र पालकों का क्षेत्रीय अध्ययन : 249